( पत्रकार राजेश लाम्बा ) लक्सर। लक्सर में (79 वर्षीय) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वराज राणा का बीती रात निधन हो गया। आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने पर अंग्रेज सरकार ने उनके माता पिता को सहारनपुर जेल भेजा था। जेल में ही स्वराज का जन्म हुआ था। अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस के गार्ड ऑफ ऑनर के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंग्रेजी शासन के दौरान (1940) के आसपास आजादी की मांग को लेकर पूरे देश मे उग्र आंदोलन हो रहे थे। इसे दबाने के लिए अंग्रेज सरकार आंदोलन करने वालों के ऊपर जमकर जुल्म ढा रही थी। इस दौरान लक्सर में भी सिमली मौहल्ले के राजाराम राणा ने भी अपनी पत्नी सुरसती देवी के साथ आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया। इसका पता चलने पर (नवंबर 1942) में अंग्रेज सरकार ने राजाराम और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर सहारनपुर जेल की (अलग-अलग) बैरक में डाल दिया था। गिरफ्तारी होने के समय सुरसती देवी गर्भवती थी। (5 जनवरी 1943) को सुरसती देवी ने जेल की बैरक में ही बेटे को जन्म दिया था। स्वराज पाने की लड़ाई में जेल जाने की वजह से माता व पिता ने जेल में जन्में बेटे का नाम ही स्वराज रख दिया था। वही बीती रात उनका देहांत हो गया। पिछले कुछ दिन से वे अस्वस्थ चल रहे थे। उनके बेटे उनका इलाज करा रहे थे। लक्सर विधायक मोहम्मद शहजाद, लक्सर एसडीएम गोपालराम बिनवाल, लक्सर तहसीलदार शालिनी मौर्य और नगर पालिका अध्यक्ष अम्बरीष गर्ग सहित सैकड़ो स्थानीय लोगों की मौजूदगी में स्वराज राणा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले पुलिस की टीम ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया।
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