कुंभ मेले को लेकर साधु-संतों और विश्वकर्मा समाज के बीच एक बैठक का आयोजन


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हरिद्वार/विश्वकर्मा घाट पर विश्वकर्मा समाज के साधु-संतों भक्तों श्रद्धालुओं के बीच एक कुंभ को लेकर बैठक का आयोजन किया गया । जिसमें स्वामी दिलीप योगीराज जगतगुरु विश्वकर्मा




शंकराचार्य अंतर्राष्ट्रीय विश्वकर्मा महाशक्ति पीठ झूसी प्रयागराज उत्तर प्रदेश ने कुंभ को लेकर चर्चा की।  वैदिक परंपरा के अनुसार जिस समय बृहस्पति कुंभ राशि में प्रवेश हो जाता है और सूर्य मेष राशि में उस समय गंगाद्वार यानी हरिद्वार में कुंभ का योग बनता है। 14 अप्रैल 2021 से बुधवार से मई 14 तक महात्म्य रहेगा।





स्वामी दिलीप योगीराज ने बतायाकि जब देवताओं और राक्षसों ने मिलकर समुंद्र मंथन किया । मंथन के उपरांत अमृत भरा कुंभ का घड़ा समुंदर से निकला निकला। देवताओं और राक्षसों में अमृत को लेकर झगड़ा हुआ उस झगड़े के दौरान अमृत की बूंदे घड़े से निकलकर जहां-जहां गिरी वहां वहां कुंभ का मेला लगता है। कुंभ का अर्थ घड़ा है।

उन्होंने बताया कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व देने वाले 11 साल बाद देव नगरी हरिद्वार में कुंभ भरता है ।आस्था और विश्वास की मर्यादा का पालन कर एक मानव दूसरे मानव से प्रेम कर सभी आएं हुए श्रद्धालुओं का देवनगरी महाकुंभ पर्व का हार्दिक स्वागत ।


पत्रकार अनिल सिंह

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