हरिद्वार में हरकीपैड़ी पर ब्रह्मकुंड के पास जलमग्न सीढ़ियों पर मिला पदचिन्ह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।


पदचिन्ह को देखने के लिए हरकीपैड़ी पर लोगों का तांता लगा हुआहरिद्वार में हरकीपैड़ी पर ब्रह्मकुंड के पास जलमग्न सीढ़ियों पर मिला पदचिन्ह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पदचिन्ह को देखने के लिए हरकीपैड़ी पर लोगों का तांता लगा हुआ है। 

हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर ब्रह्मकुंड के पास जलमग्न सीढ़ियों पर मिला पदचिन्ह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पदचिन्ह को देखने के लिए हरकी पैड़ी पर लोगों का तांता लगा हुआ है। तीर्थ पुरोहितों को गुरुवार सुबह हरकी पैड़ी के ब्रह्मकुंड के पास सीढ़ियों पर एक आकृति नजर आई। जब तीर्थ पुरोहितों ने गौर से देखा गंगा में डूबी सीढ़ियों पर एक पैर का निशान उभरा हुआ था।


 जैसे ही स्नानार्थियों और आसपास के लोगों को पदचिन्ह दिखाई देने की खबर लगी तो हरकी पैड़ी में भीड़ जुटनी शुरू हो गई। कई लोगों ने पदचिन्ह को हाथ से मिटाने का प्रयास भी किया। लेकिन पद चिन्ह ज्यों का त्यों बना रहा। श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा फिलहाल पदचिन्ह की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि कई बार काई के ऊपर भी पदचिन्ह बन जाते है। लेकिन हरकी पैड़ी एक सिद्ध स्थान भी है। इसलिए पूरी जांच के बाद ही पदचिन्ह को लेकर स्थिति साफ हो पाएगी।गौरतलब है कि अभी कुछ महीने पहले इसी स्थान पर सीढ़ियों पर आदिकालीन लिपि भी अंकित मिली थी। फिलहाल पुरातत्व विभाग लिपि की जांच कर रहा है। हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के पास मुख्य आरती स्थान के पास सीढ़ियों की मरम्मत के दौरान सीढ़ियों के पत्थर के नीचे रखे शिलाओं पर अंकित प्राचीन लिपि दिखाई दी थी। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने लिपी का वीडियो और फोटो को पुरातत्व विभाग को भेजा था।हरकी पैड़ी पर ब्रह्मकुंड के पास श्री गंगा सभा ने सीढ़ियों की मरम्मत के लिए पत्थरों को हटाने का शुरू करवाया था। मजदूरों ने पत्थरों के नीचे रखी शिलाओं पर मिट्टी और काई जमी देखी। जब मजदूरों ने शिलाओं को पानी से साफ किया तो उनपर उकेरी हुई प्राचीन लिपी दिखाई दी। मजदूरों ने इसकी जानकारी श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ को दी थी।तन्मय वशिष्ठ ने काम को तत्काल रुकवाया। इसके बाद हरकी पैड़ी पर प्राचीन लिपी को देखने के लिए लोगों का तांता लग गया था। कई लोगों ने प्राचीन लिपी के फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिए। श्री गंगा सभा ने दोनों शिलाओं पर पत्थर लगाने काम रुकवा दिया था। अब दोनों शिलाओं पर बुलेट प्रूफ कांच लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद श्रद्धालु हरकी पैड़ी प्राचीन शिला के भी दर्शन कर पाएंगे।

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